गायिका तृप्ति शाक्या की भजन संध्या के साथ पं दीनदयाल महोत्सव मेला का समापन
कभी राम बनके- कभी श्याम बनके पर झूमे दर्शक

कभी राम बनके- कभी श्याम बनके पर झूमे दर्शक
गायिका तृप्ति शाक्या की भजन संध्या के साथ पं
दीनदयाल महोत्सव मेला का समापन
ओडीओपी, सरकारी विभागों की प्रदर्शनी ने लुभाया, ओम शांति का पंडाल बना आकर्षण
फरह/देवेन्द्र शर्मा।
दीनदयाल धाम स्थित पं. दीनदयाल उपाध्याय स्मृति महोत्सव मेला का समापन भजन संध्या के साथ हुआ। प्रसिद्ध गायिका तृप्ति शाक्या ने कभी कभी राम बनके- कभी श्याम बनके भजन सुनाया तो दर्शक झूम उठे। राधे-राधे और करतल ध्वनि से पंडाल गूंज उठा।
महोत्सव मेला के आखिरी दिन रविवार रात प्रयागराज से आईं गायिका तृप्ति शाक्या ने भजनों की ऐसी तान छेड़ी कि दर्शन मंत्र मुक्त हो गए। उन्होंने सुप्रसिद्ध भजन कभी राम बनके- कभी श्याम बनके सुनाया तो दर्शक झूम उठे। भजनों से राधा-कृष्ण महिमा का बखान किया। श्रीराम पर आधारित भजन भी उन्होंने सुने।
भजन संध्या शुभारंभ से पहले महोत्सव मेला समिति के अध्यक्ष सोहनलाल शर्मा, कोषाध्यक्ष नरेंद्र कुमार पाठक, डा. दिनेश, सर्व व्यवस्था प्रमुख नीरज गर्ग, पूर्व विधायक कारिंदा सिंह, ब्लाक प्रमुख प्रतिनिधि अनिल कुमार सिंह आदि ने भजन गायिका का स्वागत किया।
मुख्य पंडाल में आयोजित भजन संध्या का कार्यक्रम गणेश वंदना के साथ शुरू हुआ। तृप्ति शाक्या और उनके साथियों ने संगीत के साथ भजनों की श्रृंखला प्रस्तुत की तो वातावरण श्रद्धा के भाव में डूबा रहा।
कोषाध्यक्ष नरेंद्र कुमार पाठक ने मेला में सहयोग करने वाले कार्यकर्ता और विभागों की अधिकारियों का आभार जताया।
कार्यक्रम में स्मारक समिति के मंत्री केशव कुमार शर्मा, स्मारक निदेशक सोनपाल, अशोक शर्मा, संरक्षक भीकम चंद्र दुबे, सुरेश तरकर, पारस ठाकुर, राम पाठक, थाना प्रभारी त्रिलोकी सिंह, जगमोहन पाठक, राधेश्याम तरकर, अमित सिंघल, प्रधानाचार्य लोकेश्वर प्रताप सिंह, मुकेश शर्मा, महीपाल सिंह आदि मौजूद थे।
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प्रदर्शनी बनी आकर्षण का केंद्र-
चार दिन तक चले मेला में एक जनपद-एक उत्पाद(एक जनपद-एक उत्पाद), सरकारी विभागों द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी के अलावा ओम शांति की भगवान शिव पर आधारित पंडाल दर्शकों के आकर्षण का केंद्र रही। सरकारी विभागों ने लोगों को संचालित योजनाओं की जानकारी दी। ओडीओपी प्रदर्शनी में विभिन्न जनपदों में तैयार किया जा रहे उत्पाद लोगों का आकर्षण बने रहे।
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प्रतिभागियों को मिले पुरस्कार – मेला में आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं के प्रतिभागियों को भी सम्मानित किया गया। सामान्य ज्ञान, रंगोली और अन्य प्रतियोगिताओं से जुड़े विजयी प्रतिभागियों को मेडल, प्रमाण पत्र दिए गए। मेला व्यवस्था में सहयोग करने वाले कार्यकर्ताओं को भी सम्मानित किया गया।